जो 2 बार वोट मांगने आये थे, क्या 1 बार तकलीफे जान्ने आयेंगे


| August 6, 2015 |  

राजनीति एक एसा दंगल जहा एक ही इंसान के अनेक चेहरे दिखाई देते कुछ देश हित में और कुछ स्वम के हित के लिये, कुछ समय पहले सिरोही जीले के विभिन्न जगहों पर चुनाव संपन्न हुए थे, जहा लगभग हर जगह भाजपा का बोल बाला रहा, आज फिर वही माहोल बन्ने को है, 17 अगस्त 2015 को आबू रोड नगर पालिका के चुनाव होने है, और पार्टी ने अपने उम्मीद वार गोषित कर दिए है, आज का लेख “पूर्व में हुए चुनाव में विजयी पार्षद का जीतने के पहले और बाद का रवैया, एवं आने वाले चुनाव में क्या पार्षद अपने वादों पर खर उतरेंगे; पर लिखा गया है |

जो 2 बार वोट मांगने आये थे, क्या 1 बार तकलीफे जान्ने आयेंगे ! जैसे ही चुनाव सर पे आते है पार्टी प्रत्याशी का सर जनता के समीप झुक जाता है, घर घर जाकर, एक बार नहीं कही बार जाकर अपने वादों से जनता को लुभाते रहे, लेकिन कई वही नेता अपने 5 वर्ष की सत्ता में कभी लोटकर हमारे घर आते है, बिना किसी लोभ बिना किसी मतलब सिर्फ यह जान्ने की हमे कोई तकलीफ तो नहीं |

– माउंट आबू में हाल ही में आये जल सेलाब में मोजुदा सरकार का सकरात्मक रवैया नज़र आये, जहा एक और करोड़ की घोषणा हुई वही दूसरी नेता राहत कार्यो में हात बटाते नज़र आये |
– किसी भी नेता को यह नहीं भूलना चाहिये की चुनाव हर 5 में फिर आते है, जो अच्छा कार्य करेगा जनता उसी को अपना नेता चुनेगी |

17 अगस्त 2015, को आबू रोड नगर पालिका चुनाव होने है, सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है वोट देना, चाहे जो हो जाये वोट देने से पीछे न हटे, आपका वोट ही आपकी ताकत है, इसलिये वोट ज़रूर दे, अपना प्रत्याशी सोच समज कर चुनने किसी के बातो में न आकर बल्कि आपके नज़रिये में जो बेहतर है उसे वोट देवे |

अगर आप अपने वार्ड पार्षद से कही रस्ते में मिले तो पूछना न भूले, “जो 2 बार वोट मांगने आये थे, क्या 1 बार तकलीफे जान्ने आयेंगे”

 

 

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