1876 से पिता करते थे संग्रह अब मै उनकी यादों को करूंगा पूरी – विकार
माउन्ट आबू | अंतराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के टिकटों को मेरे पिता नूर मोहम्मद एकत्रित किया करते थे वे अंतराष्ट्रीय फिलाटलीस्ट थे और उनके पास 19 अगस्त 1876 की क्वीन विक्टोरियो का भी टिकट मौजुद है और उनके स्वर्गवास के बाद मै उनकी यादों को ताजा रखना चाहा और आज दो दशको से मै भी टिकट सग्रह कर रहा हॅू। मेरे पास 1876 से 2016 तक की सभी टिकट मौजुद है वहीं 1947 से 2016 तक के फस्ट डे कंवर भी मौजुद है।
करीब 5000 से अधिक टिकटे मेरे पास है । यह बात माउन्ट आबू में सम्पन्न हुए 2 दिवसीय फिलाटलीस्टों की टिकट प्रदर्शनी के प्रथम विजेता वकार मोहम्मद ने आज विशेष भेंट में पत्रकारो से कही। उन्हेाने कहा आज इस प्रदर्शनी का प्रथम पुरूस्कार पाकर मुझे गर्व हो रहा है और मेरे पिता की यादों को मै हमेशा ताजा रखंूगा। उन्हेाने कहा फिलेटली यानि टिकट संग्रह एक अच्छी कला है तनाव मुक्त रहने मित्र बनाने तथा विद्यालय के फिलाटली क्लबो के माध्यम से सामुहिक गतिविधियो में लिप्त होने का अचछा साधन है।
डाक सग्रह निश्चित रूप से रच्नात्मक, ज्ञान वर्धक एवं जीवनपयोगी है आज से कही दशको पहने विदेश यात्रा करना या विदेशियो से सम्पर्क बनाये रखना केवल विशिष्ठ लोगो की पहुच में था इसलिए प्रांरभ में फिलेटली धनाड वर्ग तक सिमित रह गया और कागज के इन रंग बिरंगे टुकडों का संग्रहण रूचियो का राजा और राजाओ की रूचि कहलाया किन्तु आज स्थिति भिन्न है और देश ही नहीं विदेशों में भी यह सग्रहण बढ गया है।
माउन्ट आबू राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है और माउन्ट आबू में ऐसा आयोजन और नक्की झील गुरूशिखर पर कवर का अनावरण यहां की एैतिहासिकता को बढायेगा । उन्हेाने कहा 12 साल पहले प्रदर्शनी का आयोजन हुआ तब देलवाडा मन्दिर अर्बुदा देवी अचलगढ जैसे प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों को प्राथमिकता दी गई थी । उन्होने कहा डाक विभाग को समय समय पर ऐसे आयोजन करने चाहिए जिससे माउन्ट आबू जैसे पर्यटन स्थलों को और भी ख्याति मल सके। संगा्रहक की कल्पना अनुसार संग्रहण विभिन्न प्रकार के हो सकते है।
उनके पास 36 देशो के अलग अलग कलेक्शन है जिसमें आजादी के पहले के कलेक्शन और बाद के इण्डिया कलेक्शन प्शु पक्षी बंटरफलाय, फिश, पर्सनलेटी, वन्य जीव, वनस्पति आदि प्रमुख है। प्रदर्शनियो के लिये स्वीकृत श्रेणियो में देशानुसार संग्रहण भारत ऐशिया देश्ज्ञ शेष विश्व हवाई डाक टिकट, राजस्व टिकट एवं थिमेटिक किसी निश्चित विषय पर भी लोक सग्रहण करते है।
इस प्रदर्शनी में खेल पक्षी तितलिया आदि के जो फिलेटली टिकट दर्शाए वे यहां आने वाले दर्शको के लिये मनमोहन व सराहनीय रहे आप भी ऐसे आयाजनो में स्थानीय स्तर पर फिलेटली प्रदर्शनी में भाग लेकर शुरूआत कर सकते है। इसके लिये आपको टिकटों को एलबम सीट पर सुन्दर एवं क्लात्मक रूप से रखने की आवश्यकता होती है। उन्होने विद्यार्थियों को सन्देश दिया कि प्रांरभिक मार्गदर्शन के लिये कई पुस्तके उपलब्ध है जो आपको फिलेटली के गुर सिखा सकती है।
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