शहर के बाहर लगी एक पटाखे दुकान पर की कार्यवाही
अधिकारियों की पक्षपात पूर्ण कार्यवाही बनी चर्चा का विषय
आबूरोड। प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से आज पटाखे विक्रेताओं के खिलाफ दिखावे की कार्यवाही की गई। शहर थानाधिकारी के साथ पहुंचे नायब तहसीलदार ने बाजार से बाहर पुरानी नगरपालिका पर लगी पटाखे की दुकान को निशाना बनाया। प्रशासन को ढेंगे पर रखते हुए कानून का मखौल उड़ाकर लगाई गई पटाखे की दुकानें अधिकारियों को दिखाई नहीं दी। अधिकारियों की सौतेले पूर्ण कार्यवाही का लोगों में चर्चा का विषय रही। महज एक दुकानदार के खिलाफ की गई कार्यवाही समूचे मामले में संदेह पैदा कर रही है।
शहर में लगी अवैध रुप से लगी पटाखों के दुकानों के बारे में समाचार पत्रो द्वारा समाचार प्रकाशित किए जा रहे है। उपखंड अधिकारी तक दुकानों को अवैध करार दे चुके है। जिंदगी को दांव पर लगाकर गई दुकाने हादसों का पर्याय बनी दुकानों को थानाधिकारी व नायब तहसीलदार ने अनदेखा कर दिया। नगरपालिका की पुरानी बिल्डिंग मे लगाई गई छोटीसी पटाखे की दुकान में कार्यवाही की गई। इससे अधिकारियों की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।
स्थानीय प्रशासन ने पुरानी नगरपालिका भवन के पास स्थित सरकारी भवन में अनाधिकृत रूप से पटाखे वितरित करने पर सामान सीज कर कार्यवाही की। आज शाम राजकीय चिकित्सालय के पास पुराने नगरपालिका भवन के बाहर पटाखे विक्रय कर रहे दूकानदार पर प्रशासन ने कार्यवाही की एवं उसके सामान को जब्त किया। अधिकारियों का कहना था कि पुरानी नगरपालिका भवन के बाहर अनाधिकृत रूप से पटाखे बेचे जाने पर उन्होंने यह कार्यवाही की है। कार्यवाही के दौरान नायब तहसीलदार मादाराम मीणा व अन्य अधिकारी मौजूद थे।
कार्यवाही रही चर्चा का विषय
शहर के मुख्य बजार मे प्रशासन की बिना स्वीकृति के एक दर्जन से भी ज्यादा पटाखो की दुकाने चल रही है, शहर का मुख्य बाजार काफी सकरा होने के कारण यहा पर हादसे का डर बना हुआ होता है, इस बारे उपखण्ड अधिकारी द्वारा कार्यवाही करने को कहा तो ओर शुक्रवार को कार्यवाही भ्ज्ञी हुई लेकिन वो कार्यवाही शहर के मुख्य बाजार को छोड कर शहर के बहारी भाग मे स्थित एक छोटी सी दुकान पर हुई, इस कार्यवाही ने प्रशासन पर सवालिया निशान खडा कर दिया कि कही प्रशासन कि सह पर तो मुख्य बाजार मे पटाखे की दुकाने संचालित नही हो रही है।
क्या हादसे के बाद जागेगा प्रशासन
शहर का मुख्य बाजार पूरा बारूद से भरा पडा है, बाजार काफी सकरा होने के कारण उसमे से दुपहिया वाहन नही निकल पाते है, अगर कभी किसी चिंगारी से कोई हादसा हो गया तो कोन होगा जिम्मेदार वही हादसे के बाद शायद प्रशासन कि आंखे खुलेगी ओर ओर सांत्वना के लिये आयेगा।
तहसीलदार रहे नदारद
शहर मे बारूद के कारण पूरा शहर दहस्त मे है ओर प्रशासन द्वारा एक मात्र कार्यवाही भी कि गई लेकिन अपने खुद कि पुष्टि के बाद भी तहसीलदार किसी भी प्रकार कि कार्यवाही करते नजर नही आये वही जो एक नाम मात्र कि कार्यवाही हुई उसमे भी वो खुद नदारद रहे जो कि कई सवालो को जन्म दे रहा है।
इस बारे मे जब आज उपखण्ड अधिकारी व तहसीलदार को फोन किया गया तो उन्हेाने फोन अटेण्ड नही किया।