माउण्ट आबू | हाल ही में २ अप्रेल को दलित संगठनों के द्वारा भारत बंद की रैली में स्थानीय व्यापारियों व लोगों का पूर्ण समर्थन नहीं मिलने से खिन्न होकर के नगर पालिकाध्यक्ष ने बंद की रैली में स्थानीय व्यापारियों व लोगों के लिए तंज कसते हुए कहा था कि,शायद माउण्ट आबू के व्यापारियों के घरों में ‘‘आटा’’कम पड़ गया होगा। इसलिए वे दलित संगठन की रैली को अपना समर्थन नहीं दे पा रहे है। इसी के साथ में उन्होंने अम्बेडकर चौराहें पर अब आगे से एक नयी परम्परा की शुरूआत करते हुए सभी दलित संगठनों का एक एक गणपति निकालने की बात कही थी । इन दोनों बयानों के वीडियों सोशल मिडिया पर वायरल होने के बाद तो माउण्ट आबू के स्थानीय जनता में पिछले काफी दिनों से रोष एवं आक्रोश के तेवर देखने को मिल रहे थे।
बुधवार को इसी आक्रोश को अभिव्यक्त करते हुए शहर वासियों ने अपने हाथों में संविधान की रक्षा करों,सामाजिक सौहार्द न बिगडऩें दो,सुरेश थिंगर इस्तिफा दो, जैसी तख्तियां लेकर के मौन जुलुस निकाला ।
10 अप्रैल को माउंट आबू में स्थित आबूटाइम्स के मीडिया ऑफिस में आयोजित टॉक शो:
मौन जुलुस एक रैली के रूप में बस स्टेण्ड़ से शुरू होकर के रोटरी सर्किल,गुरूद्वारा रोड़,नगर पालिका पुस्तकालय से होते हुए नगर पालिका कार्यालय के बाहर से निकला। यहां से अम्बेडकर सर्किल होते हुए चाचा म्यूजियम,से मुख्य सदर बाजार,मस्जिद रोड़ होते हुए नक्की लेक पहुंचा। नक्की लेक छोटी दरगाह का चक्कर लगाते हुए यह रैली उपखण्ड़ अधिकारी कार्यालय पहुंचा। जहां पर उपस्थित जन समूह के लोगों ने अपने आक्रेाश को अभिव्यक्त देते हुए उपखण्ड़ अधिकारी के प्रतिनिधि को पालिकाध्यक्ष सुरेश ङ्क्षथगर के खिलाफ ज्ञापन सौपा।
ज्ञापन में लिखा गया है कि पालिकाध्यक्ष के द्वारा २ अप्रेल को भारत बंद की रैली में व्यापारियों के विरूद्व तंज कसते हुए एवं अपने पद की गरीमा को लांगते हुए अमर्यादित टिप्पणी की थी। अभ्रद भाषा व मर्यादा हीन टिप्पणी के इस भाषण में उन्होंने व्यापारियों के घरों में आटा नहीं होने की बात कही थी ।
माउंट आबू नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा दिया गया विवादित भाषण
इसको लेकर के माउण्ट आबू के नगर पालिकाध्यक्ष के संवैधानिक पद की गरिमा भंग हुई तो स्थानीय लोगों को भी इस वायरल वीडियों को देखकर के आघात लगा। अपने आत्मसम्मान को ठेस लगने से आहत समस्त व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने शहरवासियों के साथ में मिलकर उपखण्ड़ अधिकारी सुरेश कुमार ओला को ६ अप्रेल को आवश्यक कानूनी कार्यवाही करने के लिए ज्ञापन सौपा था। लेकिन आज तक कोई उचित कार्यवाही नहीं होने से व्यथित व्यापारियों ने अपने व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को बंद रखते हुए शहरभर में मौन रैली निकाली है। यदि आगे भी कोई कार्यवाही नहीं होती है। मजबूरन लोगों को आंदोलन करना पड़ेगा। जिसकी जवाबदेही प्रशासन की होगी। रैली में समस्त शहरवासी उपस्थित थे।
प्रदर्शन की सरलता व सफलता
न कोई दादागिरी न कोई शौर शराबा, न झूमी कोई तलवार न लहराया कोई झंडा मौन होकर सभी व्यापारी ने जहा एक तरफ समाज व आबू की शांति को बनाए रखा वही अपना विरोध जताने के लिए पूर्ण रूप से अपना व्यवसाय बंद रख सौपा ज्ञापन |