राजस्थान | जैसे ही कोरोना वायरस/ कोविड19 ने भारत में दस्तक दी उसके पहले दिन से राजस्थान सरकार व प्रशासन सचेत व सतर्क नज़र आया | राजस्थान देश का पहले राज्य है जिसने अपने प्रदेश में सबसे पहले लॉकडाउन घोषित किया वही प्रदेश के इकलोते पर्यटन स्थल माउंट आबू में एस.डी.एम डॉ. रविन्द्र गोस्वामी के आदेश अनुसार 21 मार्च की दोपहर से ही लॉक डाउन शुरू हो गया था |
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उप मुख्य मंत्री सचिन पायलट ने निरंतर रूप से सभाए व ऑनलाइन मीटिंग आदि के माध्यम से राज्य में संक्रमण न फैला उसके लिए हर मुमकिन व सफल कोशिश की एवं निरंतर रूप से हौसला बढ़ाते हुए प्रदेश के सभी कलेक्टर, एस.डी.एम, पुलिस, चिकित्सक, नगर पालिका, पंचायत, राजनेता, भामाशाह, पत्रकार एवं अन्य व्यक्ति अपने कार्यशेत्र में सुरक्षा का ध्यान रखते हुए निपूर्ण कार्य कर रहे है कहते हुए लोगो की हिम्मत बढाई |
प्रदेश की कांग्रेस सरकार निरंतर रूप से नए नियम व राहत के लिए नए उपाय विभिन्न सभाए के पश्चात जनहित में लागू कर रही है फिर वो चाहे :-
- जमादियो को ढूंडने के बाबत नियम लागू करना हो |
- गरीब व पिछडे तबके के लोगो तक राशन व अन्य खाद सामग्री पहुंचानी हो |
- निरंतर नियमो में बदलाव कर सुरक्षा में किसी तरह की ढील न होने पाए |
- शिक्षा, बिजली, जल, आदि सरकारी विभाग में उपभोक्ता को रिहायते |
- 8 अप्रैल तक मुख्यमंत्री सहायता कोष ‘कोविड-19 राहत कोष’ में 170 करोड़ 34 लाख रूपये की राशि जमा हुई।
- प्रदेश में हर एक नागरिक व कोरोना वॉरियर को मास्क पहनना अनिवार्य |
वही बात करे भीलवाडा की तो थोड़ी ही दिनों में भीलवाडा में कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बढ़ने लग गयी थी जिसे राजस्थान सरकार ने गंभीरता दिखाते हुए 1 अप्रैल से महा कर्फ्यू लगा कर कोरोना से जंग के एलान कर दिया था और आज की बात करे तो वहा एक नया मरीज़ कोरोना के संक्रमण का शिकार नहीं हुआ और भीलवाडा मॉडल आज देश के विभिन्न प्रदेश में एक रोल मॉडल के रूप में देखा जा रहा है |
भीलवाडा मॉडल की कुछ विशेषताए:-
- पुर्णतः कर्फ्यू: मीडिया, समजा सेवी, आवश्यक वस्तुए के विक्रेता तक पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया, देखा जाये तो घर से निकलने पर हर व्यक्ति पर पुर्णतः प्रतिबन्ध | भीलवाडा जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने यह साफ कर दिया अगर कोई भी घर से बाहर आता है तो वह इस जंग में प्रशासन के साथ नहीं और पुलिस उसके साथ पूरी सकती से पेश आएगी |
- रोज़ मराह की वस्तुए जरुरतमंदों तक प्रशासन द्वारा सैनीटाइज कर घर घर पहुंचाई गयी |
- जिले के सभी बोर्डर सिल कर किसी भी नए व्यक्ति के आने पर प्रतिबन्ध |
- सभी जिला नागरिको की घर घर जाकर स्क्रीनिंग |
- होटल, हॉस्टल, कॉलेज को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील कर हजारो बेड की क्षमता के हस्पताल में तब्दील करना |
- सभी संधिघ्द निवासियों को इन आइसोलेशन वार्ड में कोरेनटाईन करना |
- कई पॉजिटिव मरीजों की विशेष चिकित्सा के माध्यम से उन्हें फिर से स्वस्थ करना |
बात करे सिरोही जिले की तो –
- विधायक संयम लोढ़ा निरंतर जिले के विभिन्न क्षेत्रो का दौरा कर सभी व्यवस्ताओ पर पैनी नज़र रख रहे है |
- जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल निरंतर रूप से सरकार के नए आदेश पूरी सकती से लागू कर रहे है |
- एस.डी.एम डॉ. रविन्द्र गोस्वामी अपने कौसल व भामाशाओ/ सरकार के सहयोग से आबूपर्वत की सुरक्षा कायम रखे हुए है |
- तहसीलदार दिनेश आचार्य आबूरोड़ में सभी नियम लागू करने में ससक्त नज़र आ रही है |
- आबूपर्वत आयुक्त जीतेन्द्र व्यास, महेंद्र बंजारा, राज किशोर, शिल्पा बिष्ट, पटवारी रामाराम मोरिया व प्रभुराम, कुंज बिहारी झा आदि कुशल टीमवर्क कार्यशैली दिखाते हुए नियमो का उलंघन कर रहे नागरिको पर कार्यवाही कर रहे है |
- पुलिश अधीक्षक कल्याण मॉल मीणा व उप पुलिस अधीक्षक प्रवीन कुमार, एवं थाना अधिकारी अचल सिंह सहित सभी पुलिस कर्मी जिले में कर्फ्यू सफल रूप से पुर्णतः लागू रहे उसे पूरी सकती से सुनिश्चित कर रहे है |
- मुख्य चिकित्सक राजेश कुमार (सिरोही), चिकित्सक तनवीर अहमद ( आबू पर्वत ), एम.एल हिन्डोनिया (आबूरोड़) अपने अन्य चिकित्सको के साथ निरंतर रूप से स्क्रीनिंग व सैंपल कलेक्ट कर संदिघ्दो की जांच में जुटे हुए है |
- नगर पालिका अधिकारी व कर्मचारी नागरिको द्वारा की जा रही चुक के हल निकाल कर हर दिन नगर को और सुरक्षित बना रहे है |