मस्जिदो को रोशनी से सजाया गया
रमजान की इस मुबारक रात पर मुस्लिम वक्फ कमेब्ी द्वारा शहर की जामा मस्जिद, छोटी मस्जिद, मदीना मस्जिद, मुल्तानिया मस्जिद, लुनियापुरा मस्जिद, सहित सभी दरगाहो को आकर्षक रोशनी से सजाया गया साथ ही मुस्लिम मौहल्लो को नोजवानो ने झंडीयां, फरीया, व अपने घरो मे तेल के दीपक जला कर सजाया, जगह जगह रोजदारो के लिए सहरी का इंतेजाम किया गया,मुस्लिम वक्फ कमेटी के सदर हाजी सलीम खान ने सभी मस्जिदो के मौलाओ को माला व साफा पहना कर उनको मुबारक बाद दी।
अलविदा जुम्मे की अदा नमाज, मोमिनो की खुदा की बारगाह मे दुआ
आबूरोड। इस्लाम मजहब के सबसे पवित्र माह रमजान मे अलविदा(आखरी) जुम्मे की मोमिनो ने की अदा नमाज, अल्लाह कि बारगाह मे अपने गुनाहों कि दुआएं मगफिरत मांगी।
रमजान माह के शुरू होने के साथ ही आखरी पखवाडे मे प्रवेश के साथ ही अलविदा जुम्मे के मुबारक मोके पर शहर की जामा मस्जिद, छोटी मस्जिद, मदिना मस्जिद, मुल्तानिया मस्जिद, लुनियापुरा, आकरा भट्टा मस्जिद मे मोमिनो ने नमाज अदा की, शहर के अलावा आसपास के मावल, अम्बाजी, गिरवर, चण्डेला, मुंगथला, वासडा, सांतपुर, सुरपगला, चनार, तलहेटी सहित गांवो के लोगो ने सवेरे से ही मस्जदों में आना शुरू कर दिया था, दोपहर मे सभी मस्जिदो में जुम्मे की नमाज के लिए इक्_ा हुए, जामा मस्जिद के मौलाना मेराज अहमद अशरफी ने रमजान महा का आखरी खुत्बा पडा और नमाज अदा करवाई, इस मौके पर उन्होने सभी को रमाजान माह की नेकी के बारे में बताया, उन्होनें कहा की रमाजान का आखरी पखवाडी शुरू हो गया है, अल्लाह तबारको ताअला ने अपनी हदीस मुबारक में फरमाया है कि रमजान के आखरी पखवाडे मे ज्यादा से ज्यादा गरीब मिस्कीनो की मद्द करें , अपने गुनाहो की माफी मांगे व इस पाक महिने में अल्लाह की इबादत करके अपने गुनाहो से तोबा करने को कहा, नमाज के बाद अलविदा सलातो सलाम पडी गई व अल्लाह की बारगाह मे अपने व देश की खुशहाली के लिए दुआए मांगी।
ईद कि नमाज से पहले अदा करें जकात फितरा -मोलाना हन्नान नूरी
इस्लाम में खुदा ने सभी को बराबर का हक अता किया है इसी के तहत हर वो मुस्लमान जिसमे इस्लाम में कदम रखा है उस पर फितरा(जान का सदका) देना जरूरी है अगर वह ईद की नमाज से पहले पहले फितरा अदा नही करेगा तो उसकी ईद की नमाज नही होगी मदिना मस्जिद के मोलाना हाजी हन्नान नूरी ने मोमिनो को तकरीर पेश करते हुए कही, उन्होने बताया कि इस्लाम ने जकात फितरा, खैरात उन लोगो को देने का हुक्म दिया है जिनको इसकी जरूरत है, अगर हम ईद कि नमाज से पहले उन जरूरत मंद लोगो को दे देगें तो वह भी ईद अच्छी तरह से मना सके वह भी अपने बच्चो को नए कपडे दिला सके, यह इस्लाम ने इसीलिए करा है ताकि जब मुस्लमान ईद की नमाज अदा करने ईदगाह जाए तो अल्लाह के किसी भी बंदे मे फर्क न लगे सब एक जगह बराबरी से लगे, उन्होने कहा कि जकात का पैसा हम साल मे कभी भी निकाल सकते है, खैरात हमे अल्लाह ने जितना दिया है हम निकाल सकते है, अलविदा जुम्मे कि नमाज के बाद मोमिनो ने गरीब मिस्किनो को फितरा, जकात, खैरात अदा कि।
गले मिलकर दी मुबारक बाद
रहा मेले सा माहोल
अलविदा जुम्मे के मुबारक मौके पर दूर दराज गंावो से नमाज अदा करने आये मोमिनो के साथ छोटे बच्चो ने मस्जिद के बहार लगे बजार मे जमकर खरीदारी की, छेाटे बच्चो ने जहां अपने मन पसंद के कपडे व खिलोने खरीदे वही रोजदारो ने रोजा इफ्तार के लिये फल सहित अन्य खाद्य सामग्री खरीदी, नमाज के बाद मस्जिद के बहार मानो जेसे मेला लगा हो।