सुखद और सफल यात्रा के लिए मन की स्थिरता जरूरी: पायल परसरामपुरिया


| September 27, 2015 |  

तीन दिवसीय सडक़, स्पीड और आध्यात्मिकता पर सम्मेलन का हुआ शुभारम्भ।

जिला प्रमुख पायल परशुराम पुरिया ने कहा कि आज तेजी से समय बदल रहा है। ऐसे में हर तरह के यातायात की बढ़ोत्तरी भी तेजी से हो रही है। परन्तु उससे तेजी से सडक़ दुर्घटनाएंं हो रही है जो चिंता का विषय है। हमारी थोड़ी सी जल्दबाजी हमारे जान के लिए खतरा हो जाता है। साथ हमारे साथ रहने वाले लोगों का भी जीवन जोखिम में पड़ जाता है।

यदि सुखद और सफल यात्रा चाहिए तो उस के लिए मन की स्थिरता जरूरी है। इसके लिए योग और मेडिटेशन करने की जरूरत है। उन्होंने उपस्थित लोगों से अपील की कि वे अपने जीवन को सुरक्षित रखने तथा पूरे परिवार को निश्चित करने के लिए जल्दीबाजी ना करें, यातायात के नियमों का पालन करें। इन प्रयासों से ज्यादा से ज्यादा सडक़ दुर्घटनाओं पर अंकु श लग सकता है। यातायात हर किसी की जरूरत हो गयी है। चाहे वह बच्चा स्कूल जाता हो या नौकरी धंधा या कोई भी कार्य। परन्तु थोड़ी सी असावधानी से हम अपने जान को जोखिम में डाल लेते हैं। जल्दीबाजी करने से बचना चाहिए जिससे दुर्घटनाओं से बचा जा सके। शनिवार को वे ब्रह्माकुमारीज संस्था के शांतिवन में सडक़ सुरक्षा पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में सम्बोधित कर रही थी।

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उन्होंने कहा कि मन के संतुलन से हर कार्य में सफलता मिलती है। जब मन शांत होगा तब हमारा हर कार्य पूर्ण रूप से सफल होगा। इसलिए दैनिक दिनचर्या में राजयोग को शामिल करें। तीन दिन तक चले इस सम्मेलन में सब कुछ सीखने को मिलेगा।

गुजरात सरकार के विशेष सचिव तथा टूरिज्म विभाग के प्रबन्ध निदेशक पंकज कुमार ने कहा कि कई बार देखा जाता है कि हम नियमों की अवहेलना करते है और उसका नतीजा हमें ही भुगतना पड़ता है। उन्होंने उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि कई बार देखा गया है कि जब हम यात्रा कर रहे होते है तो हेलमेट का प्रयोग नहीं करते है जबकि साथ में मोटरसाईकिल पर परिवार भी होता है। जैसे ही पुलिस देखते है पत्नी पीछे से हेलमेट लगा देती है। मतलब इसे जिम्मेदारी समझने से इंसान कतराता है।

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तमिलनाडू के टूरिज्म कमिश्रर एच एस मीना ने कहा कि टूरिज्म और यातायात एक ही सिक्के के दो पहलू है। यदि हम यातायात को बेहतर बनायेंगे तो उससे टूरिज्म भी बढ़ेगा। इसलिए जितनी सुरक्षित यात्रा होगी उतना ही टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। कार्यक्रम में रेलवे बोर्ड के पूर्व सदस्य तथा स्टेलर ग्रीनटेक गुडग़ॉंव के चेयरमैन सुखवीर सिंह ने कहा कि जब हम रेलवे में थे तो राजयोग का प्रशिक्षण लोको पायलटों एवं कई कर्मचारियों को कराया जाता था जिसका सकारात्मक बदलाव देखने को मिला था। इससे व्यापक रूप में करने की जरूरत है।

 

 

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