आज विद्यालय परिसर मे लोहडी व मकर संक्रांति का पर्व बडे ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सबसे पहले श्री प्रवीण जी आर्य द्वारा यज्ञ कराया गया और मकर संक्रांति मनाने का वैज्ञानिक कारण बताया गया कि सूर्य के मकर राशि की संक्रांति से उत्तरायण प्रारम्भ होता है। सूर्य के प्रकाशाधिक्य के कारण उत्तरायण विशेष महत्वशाली माना जाता है वैदिक ग्रन्थों मे इसको देवयान भी कहा गया है। संक्रांति पर्व से दिन बढे और रात छोटी होने लगती है।
तत्पश्चात् कार्यकारी अध्यक्ष श्री मोतीलाल आर्य ने लोहडी व मकर संक्रांति हम क्यों मनाते है इस पर प्रकाश डाला। कि सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करता है, राशि किस तरह बनती है, आदि सभी महत्वपूर्ण जानकारी विद्यार्थि यों को दी।
नन्हे मुन्ने बालकों द्वारा स्वयं पतंग बना कर उडाने का आनंद लिया गया। शिक्षकों द्वारा उन्हें पतगं बनाना सिखाया गया। जिसमें छात्रों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। साथ ही इस अवसर को आनन्दमय बनाने के लिए विद्यार्थियों को घुड़सवारी के गुर सिखाए गए व सभी विद्यार्थियों ने घुड़ सवारी सीखने के साथ करने का आनंद उठाया।
शाला प्रधान श्रीमती मोनिका शर्मा द्वारा भी विद्यार्थियो ंको सावधानी बरतते हुए पतंग उडाने की सलाह दी कि न स्वयं को नुकसा न हो न ही दूसरो ंको। संक्रांति पर्व के मौके पर विद्यार्थियों को चाइनीज धागो ंका उपयोग न करने का भी आवाहन किया गया।
इस मौके परस भी शिक्षक शिक्षिकाऐ मौजूद रहे। विद्यार्थियो ंऔर शिक्षको ंको श्रीमोती लालजी आर्य द्वारा बधाई प्रेषित की गई। शिक्षको ंद्वारा भी बालक-बालिकाओ ंको मकर संक्रांित की शुभकामनाऐं दी गई।