शहर में कुछ भी गलत हो तो हम बिना सोचे समझे प्रशासन पर ऊँगली उठाते है, लेकिन जरुरी तो नही की हमेशा प्रशासन ही गलत हो, इसी बात को आवाज़ देने के लिये आबू टाइम्स द्वारा ये लेख प्रकाशित किया गया है|
यह घटना आबू पर्वत के रोडवेज बस स्टैंड की है जहा आबू टाइम्स के संचालक संजय अग्रवाल ने देखा की दिनांक 01/02/2015 को आबू पर्वत का एकमात्र बस स्टैंड कचरे में लदा हुआ था, इस पर अधिक जानकारी प्राप्त करने पर पता चला की अगली सुबह हर रोज़ की तरह यह बस स्टैंड पुर्णतः साफ़ कर दिया जायेगा |
अगली सुबह जब संजय अग्रवाल वहा पहुंचे तो उन्होंने देखा की बस स्टैंड पुर्णतः साफ़ था, कुछ समय बाद करीब दिन में 3:00 बजे फिर से कचरा एकत्रित होना सुरु हो गया था, और यह कचरा आसमान से उड़कर नहीं आया था बल्कि वहा पर बैठे यात्री द्वारा ही किया जा रहा था |
1. प्रशासन ? या 2. आम नागरिक ?
बात इतनी सी है, जब हम किसी की तरफ एक ऊँगली उठाते है तो तीन उंगलिया हमारी तरफ भी उठती है, अगर हम स्वच्छ भारत की कलपना करते है तो हमे प्रशासन के विपरीत न जाकर बल्कि प्रशासन के कंधे से कंधा मिलाकर काम करना होगा, मोदी जी के सपने को अपना सपना बनाना होगा तब जाकर भारत एक स्वच्छ एवं समृद्धि भारत बन सकेगा |
आओ मिलके प्रण ले न गंदगी करेंगे नहीं किसीको करने देंगे |
निवेदक- संजय अग्रवाल.
|| जय हिन्द ||