आबूरोड। जाम्बुड़ी में शराब बंदी की मांग को लेकर आदिवासी महिलाओं ने कोटेश्वर-दानबोर मार्ग को बंद कर दिया। महिलाएं ऊंचे पेड़ों पर चढ़ गई। गले में कपड़े का फंदा लगा लिया। शराब बंदी नहीं होने पर आत्महत्या की चेतावनी दी। सडक़ पर बैठी शराब विक्रय के संदिग्ध युवक को महिलाओं ने आढ़े हाथों ले लिया। युवक के कपड़े तारतार कर दिए। मौके पर पहुंचे तहसीलदार ने महिलाओं की समझाइश की। शाम तक चली समझाइश के बाद ही महिलाएं शांत हुई।
जाम्बुड़ी में ठेकेदार द्वारा देशी शराब के चार पेटी कंटेनर में रखने की सूचना पर महिलाओं नाराज हो गई। महिलाओं ने कोटेश्वर-दानबोर मुख्य मार्ग का अवरूद्ध दिया। महिलाएं शराब बंदी नहीं होने तक धरने पर बैठे रहने पर अड़ गई। इस पर प्रधान लालाराम गरासिया, पूर्व सरपंच लीलाराम मौके पर पहुंचे। महिलाओं से वार्ता की। लेकिन, महिलाएं नहीं मानी। इसपर प्रशासन व पुलिस को सूचना दी गई। इसी दौरान महिलाओं के विरोध प्रदर्शन के दौरान निचलागढ़ का एक युवक प्लास्टिक की बोतल लिए पहुंचा। उसे देखते ही महिलाएं उसकी तरफ दौड़ पड़ी । महिलाओं ने उसे पकड़ लिया। खीचातानी, धक्का-मुक्की शुरु हो गई। महिलाओं ने युवक के कपड़े फाड़ दिया।
सूचना मिलने पर तहसीलदार मनसुखराम डामोर मौके पर पहुंचे। महिलाओं को समझाने का प्रयास किए। महिलाएं नहीं मानी। तहसीलदार की सूचना पर उपखंड अधिकारी अरविंद पोसवाल, जिला आबकारी अधिकारी, आबकारी सीई प्रद्युनसिंह, सदर वृत निरीक्षक भंवरलाल चौधरी आदि ने वनवासी महिलाओं की समझाइश की। दो घंटे से अधिक समय तक समझाइश चलती रही। इस पर एसडीएम ने मांग के समर्थन में प्रभावी कार्यवाही का भरोसा दिलाया। इसके बाद ही महिलाएं शांत हुई। गौरतलब है कि गत तीन मई को आकराभट्टा में एकत्रित हुई थी। गौरतलब है कि गत तीन मार्च को भाखर क्षेत्र में अवैध शराब विक्रय, हथकढ़ी शराब बनाने व वनांचल में स्थित शराब की दुकानों कां बंद करने की मांग की थी। सदर थाने का घेराव किया था।