माउण्ट आबू | शहर के अन्धजन पुर्नवास केन्द्र के डॉ.विमल कुमार डेंगला को भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा रविवार को विश्व विकलांग दिवस पर राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया गया। रविवार को विज्ञान भवन नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में माननीय राष्ट्रपति महोदय रामनाथ कोविंद द्वारा डॉ. विमल कुमार डेंगला को यह सम्मान प्रदान किया गया।
उल्लेखनीय है कि,राष्ट्रीय दिव्यांगजन पुरस्कार वितरण के अवसर पर माननीय राष्ट्रपति महोदय रामनाथ कोविंद द्वारा डॉ. विमल कुमार डेंगला को दृष्टिबाधित कल्याण एवं शिक्षा के प्रचार प्रसार हेतु इस राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया गया । नेशनल ऐसोशिएशन फॉर द ब्लाइण्ड इण्डिया ब्रेल प्रेस को सर्वश्रेष्ठ ब्रेल प्रेस का सम्मान प्रदान किया गया है। इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चन्द गहलोत, राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, विजय सांखला, रामदास अठावले, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सचिव श्रीमती सकुन्तला, मुख्य नि:शक्तजन आयुक्त भारत सरकार कमलेन्द्र पाण्डे आदि उपस्थित थे ।
राष्ट्रपति महोदय ने इस अवसर पर कहा कि हमें विश्व के जाने माने वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंस और अस्टावक्र जैसे महर्षियों के द्वारा दिखाए गये मार्ग चलने का प्रयास करना चाहिए। उन के जीवन से हमें भी यह प्रेरणा मिलती है कि, आज ऐसा कोई भी कार्य नहीं है,जो दृष्टिबाधितों के लिये दुष्कर हो ।
उन्होने उतर प्रदेश की एक पैर से विकलांग रहने वाली महिला का उदाहरण प्रस्तुत करते हुआ कहा कि, माउण्ट एवरेस्ट को पतह करने के लिए सामान्य से लेकर के हष्ट-पुष्ट व्यक्ति को भी पसीना आ जाता है। यह कार्य उस महिला ने सहज कर दिखाया। उसके बाद उन्होने अन्य पेरक संस्मरणों की अभिव्यक्ति दी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चन्द गहलोत ने मोदी सरकार की पिछले साढ़े तीन वर्षो की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।