आबूरोड, 20 जून, सेंट जाॅन्स स्कूल में षिक्षकों के लिए दो दिवसीय कार्यषालाओं का आयोजन किया गया । प्राचार्या, उमाष्याम जी एवं संस्था निदेषक के. ए. श्याम कुमार जी ने बताया कि विद्यालय में षिक्षकों के लिए दो दिवसीय कार्यषालाऐं आयोजित की गई । जिसमें गत दिवस प्रिक्युएस्ट लर्निंग पब्लिकेषन के श्री देवेष देवांग द्वारा ’’टीचिंग मैथोलाॅजी’’ विषय पर आयोजित इस कार्यषाला में लिखित, मौखिक, दृष्य, संकेत, तार्किक, संगीत, खेल, शारीरिक गतिविधियाॅं आदि विभिन्न शैलियों, रणनीतियों से अध्यापन करने के विभिन्न तरीको को बताया गया ।
दूसरे दिन लेस ट्रांसफाॅरमेषन, दिल्ली के रिषभ खन्ना द्वारा ’’केटलाॅगिंग टीचिंग प्रोसेस’’ विषय पर कार्यषाला को सम्पादित किया गया, जो की रतनासागर पब्लिकेषन द्वारा आयोजित की गई थी । इस कार्यषाला में अध्यापकों को बालकों के विभिन्न स्तरों को जानना, उनके अनुसार विभिन्न षिक्षण साधनों को प्रयुक्त करना, रणनीतियाॅं बनाना, बच्चों के भाव-विचार, कौषल, सोच, उनकी चुनौतियों, भविष्य को बनाने के लिए तरीको की खोज, उनकी रूचि, भविष्य में उनकी मानसिकता व्यवहार को जानने के उद्देष्य के इस कार्यषाला का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों के स्तर के अनुरूप उनके षिक्षक कार्य को पूर्ण किया जा सके, उनकी मानसिकता को सुदृढ़ बनाया जा सके, जिससे विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास हो सके ।
इसके साथ ही षिक्षकों को विद्यार्थियों से भी भावनात्मक संबंध बनाने पर जोर दिया गया जिससे कि विद्यार्थी अपनी समस्याओं, बाधाओं को खुलकर षिक्षकों से विचार-विमर्ष कर सके तथा षिक्षक उनका समाधान कर विद्यार्थियों में अध्ययन की रूचि का संचार कर सकें । इसके अतिरिक्त कक्षा प्रबंधन, जीवन कौषल, स्व-जागरूकता, निर्णय क्षमता, समस्या समाधान, प्रभावी संचार, पारस्परिक संबंध, रचनात्मक सोच, नैतिक मूल्य विषयों पर भी चर्चा की गई ।
प्राचार्या, श्रीमती उमाष्याम जी ने इन कार्यषालाओं को षिक्षकों तथा छात्रों के हित में बहुत ही उपयोगी बताया इन षिक्षण विधियों को सिखाने के साथ-साथ षिक्षकों को भावनात्मक रूप से एक दूसरे से जोड़ने में सफल रही ।