माउण्ट आबू, ब्रह्माकुमारी संगठन में युवा प्रभाग राष्ट्रीय सम्मेलन आरंभ
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने कहा है कि श्रेष्ठ चरित्र ही युवा शक्ति की पहचान है। युवाओं को स्वयं के चरित्र को श्रेष्ठ बनाने की समय की मांग है। अपने श्रेष्ठ कर्मों द्वारा युवा हर दिल पर शासन कर सकता है। वे शनिवार को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के ज्ञान सरोवर अकादमी परिसर में युवा प्रभाग द्वारा आयोजित स्वच्छ, स्वस्थ, स्वर्णिम भारत विषय पर सम्मेलन के उदघाटन सत्र में उपस्थित युवाओं को संबोधित कर रही थीं।
उन्होंने कहा कि स्मृति को स्वच्छ, स्वस्थ, स्वर्णिम व सकारात्मक बनाने के लिए ईश्वरीय संस्कारों के अनुरुप स्वयं के जीवन को ढालना होगा। कुशल नेतृत्व क्षमता बढ़ाने के लिए राजयोग को जीवन का अभिन्न अंग बनाना चाहिए।
केन्द्रीय पूर्व सतर्कता आयुक्त श्रीमती रंजना कुमार ने कहा कि युवाओं को अपनी बौद्धिक ऊर्जा का समुचित उपयोग करने के लिए उनकी योग्यताओं के अनुसार उचित मार्गदर्शन मिले तो वे राष्ट्र व समाजहित में अपनी अहम सहभागिता अदा कर सकते हैं। ब्रह्माकुमारी संगठन ने युवाओं में जो आत्म ज्योति जगाने का बीड़ा उठाया है उसकी बदौलत समाज का एक बड़ा वर्ग अध्यात्म के प्रति आकर्षित हुआ है।
दिल्ली राजघाट सचिव रजनीश कुमार ने कहा कि अध्यात्म और उचित मार्गदर्शन के अभाव में युवा शक्ति का एक बड़ा वर्ग पश्चिमी भौतिकवादी संस्कृति के प्रभाव के कारण दिगभ्रमित हो रहा है जो क्षमता होने के बावजूद अपनी शक्ति को नहीं पहचान पा रहा है।
पालिका अध्यक्ष सुरेश थिंगर ने युवाओं का आहवान करते हुुए कहा कि युवा शक्ति को समाज उत्थान के लिए एकजुट होकर ब्रह्माकुमारी संगठन द्वारा समाजसेवा की गतिविधियों से रूबरू होना चाहिए। ब्रह्माकुमारी संगठन की नि:स्वार्थ सेवाएं समाज के सामने खुली किताब की तरह हैं।
प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका चन्द्रिका बहन ने कहा कि देश की वर्तमान युवा पीढ़ी के सामने गरीबी, अज्ञानता, पिछड़ापन, बेरोजगारी जैसी विकट समस्याओं के विरूद्व संघर्ष की शक्ति आध्यात्मिकता से प्राप्त की जा सकती है।
प्रभाग की अधिशासी सदस्या बी. के. फाल्गुनी ने कहा कि श्रेष्ठ चरित्रवान युवा ही अपनी शक्ति, प्रतिभा के जरिए प्रगति के शिखर को छूता है।